अभिवादन,
देश में सूचना का अधिकार कानून लागू हुए 5 वर्ष हो गए. इन पांच वर्षों में इस क़ानून से जिस परिणाम की हमसबको अपेक्षा थी वह तो हासिल नहीं हो सका लेकिन जन जागरूकता से व्यवस्था में बदलाव की कुछ सुखदस्थितियां अवश्य बनी है.
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय NAPM, सूचना का अधिकार अभियान उ.प्र, एवं तमाम जन संगठनो के सततप्रयास से जहाँ एक तरफ इस कानून के प्रति आम जनता की जागरूकता बढ़ी है. वहीँ सूचनाओं पर कुंडली मारे बैठेअधिकारियों के ऊपर भी कुछ दबाव अवश्य बना है.
फिर भी अभी काफी कुछ करना और होना शेष है.
इन पांच वर्षों में हमारे अच्छे बुरे अनुभव को आपस में बाँटने और इस क़ानून के प्रति जनता की जागरूकता तथाअधिकारियों की जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से सूचना का अधिकार अभियान उ.प्र, ने अन्य सहयोगी संगठनों केसाथ मिल कर वाराणसी में एक पांच दिवसीय कार्यक्रम 14 दिसंबर से 18 दिसंबर तक आयोजित करना तय कियाहै.
कार्यक्रम की प्रस्तावित रूपरेखा निम्न है.
इस दौरान प्रत्येक दिन परामर्श शिविर एवं उ.प्र. राज्य सूचना आयोग की कार्य प्रणाली में वांछित सुधार के लिएहस्ताक्षर अभियान चलता रहेगा.
14 दिसंबर 2010 : सूचना का अधिकार कानून : 5 वर्ष की उपलब्धियां
15 दिसंबर 2010 : सूचना का अधिकार कानून : सामान्य जानकारियां
16 दिसंबर 2010 : सूचना का अधिकार कानून : क्या करें? क्या न करें ?
17 दिसंबर 2010 : नुक्कड़ नाटक एवं लोकगीत
18 दिसंबर 2010 : सूचना का अधिकार कानून: संगोष्ठी: चुनौतियाँ और समाधान (विकास भवन वाराणसी के सभागार में)
आप से विनम्र अनुरोध है कि इस कार्यक्रम के लिए अपने सुझाव दें और अन्य सभी साथियों सहित अपनी सक्रियभागीदारी सुनिश्चित करें.
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय NAPM, सूचना का अधिकार अभियान उ.प्र, एवं तमाम जन संगठनो के सततप्रयास से जहाँ एक तरफ इस कानून के प्रति आम जनता की जागरूकता बढ़ी है. वहीँ सूचनाओं पर कुंडली मारे बैठेअधिकारियों के ऊपर भी कुछ दबाव अवश्य बना है.
फिर भी अभी काफी कुछ करना और होना शेष है.
इन पांच वर्षों में हमारे अच्छे बुरे अनुभव को आपस में बाँटने और इस क़ानून के प्रति जनता की जागरूकता तथाअधिकारियों की जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से सूचना का अधिकार अभियान उ.प्र, ने अन्य सहयोगी संगठनों केसाथ मिल कर वाराणसी में एक पांच दिवसीय कार्यक्रम 14 दिसंबर से 18 दिसंबर तक आयोजित करना तय कियाहै.
कार्यक्रम की प्रस्तावित रूपरेखा निम्न है.
इस दौरान प्रत्येक दिन परामर्श शिविर एवं उ.प्र. राज्य सूचना आयोग की कार्य प्रणाली में वांछित सुधार के लिएहस्ताक्षर अभियान चलता रहेगा.
14 दिसंबर 2010 : सूचना का अधिकार कानून : 5 वर्ष की उपलब्धियां
15 दिसंबर 2010 : सूचना का अधिकार कानून : सामान्य जानकारियां
16 दिसंबर 2010 : सूचना का अधिकार कानून : क्या करें? क्या न करें ?
17 दिसंबर 2010 : नुक्कड़ नाटक एवं लोकगीत
18 दिसंबर 2010 : सूचना का अधिकार कानून: संगोष्ठी: चुनौतियाँ और समाधान (विकास भवन वाराणसी के सभागार में)
आप से विनम्र अनुरोध है कि इस कार्यक्रम के लिए अपने सुझाव दें और अन्य सभी साथियों सहित अपनी सक्रियभागीदारी सुनिश्चित करें.
निवेदक:
सूचना का अधिकार अभियान उ.प्र,
Vallabh Pandey, 9415256848
आपसे शीघ्र ही संपर्क करेंगे. हम भी अपने साथियों सहित सूचना अधिकार का राष्ट्रीय अभियान पूरे देश में चला रहे हैं. नौ राज्यों में इसकी इकाइयाँ भी काम कर रही हैं. आगे आपके सहयोग की हमें जरूरत है. आपसे जल्द ही बात करेंगे.
जवाब देंहटाएंजय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
Delhi High court allows RTI activist Mr. Rakesh Kumar Singh to file PIL against “Indian Rupee symbol selection process”.
जवाब देंहटाएंMr. Rakesh Kumar Singh had submitted a LPA petition in the Delhi High Court challenging Delhi HC earlier judgment in which court had refused to entertain his petition challenging selection process of New Indian Rupee Symbol.
sours
http://www.saveindianrupeesymbol.org/
and Wikipedia
http://en.wikipedia.org/wiki/Indian_rupee